Thursday, March 14, 2013

किसी ने मुझे इत्तला दी है कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

"किसी ने मुझे इत्तला दी है
कि मैं ज़िंदा हूँ अभी
क्या तुम भी ज़िंदा हो ?
तो बोलते क्यों नहीं ?
यही कि हमने धर्म बनाया है
धर्म ने हमको नहीं
यही कि जम्मू -कश्मीर में इस्लामिक आतंकवाद से
लाखों हिन्दू पलायन कर गए हैं और सैकड़ों मार दिए गए हैं
यही कि गोधरा काण्ड में 67 हिन्दुओं को ज़िंदा जलाने पर भड़के थे गुजरात के दंगे
यही कि अगर मूर्तिभंजन या बुतशिकनी जायज है
तो औरंगजेब से अब तक दस हजार से अधिक मंदिर तोड़ना जायज था
और यह भी कि बाबरी मस्जिद का तोड़ना भी जायज था
यही कि अगर मुहम्मद साहब का कार्टून बनाना नाजायज था
तो किसी हुसैन ने देवी देवताओं की तश्वीर से क्या किया ?
अगर उबेदुल्ला या वैसा ही कोई कठमुल्ला जायज है
तो तोगडिया क्यों नाजायज है ?
और यह भी कि अगर अमन की हिफाजत करते हमारे जवानो को कफ़न दोगे
तो हम हर दहशतगर्द और उसके हमदर्द को दफ़न कर देंगे ."
----राजीव चतुर्वेदी

No comments: