Saturday, May 2, 2015

"शूद्र" कौन ?


"शूद्र" कौन ?
स्कन्द पुराण और मनुस्मृति के अनुसार --
"जन्मनाजायते शूद्रः
संस्कारत द्विजोच्चते ।"

यानी जन्म से सभी शूद्र होते हैं प्रकारान्तर में संस्कारों से या यों कहें कि शिक्षा साहित्य श्रेष्ठ जनों की संगत से व्यजतित्व परिमार्जित हो कर "द्विज " (twice born या double refined ) हो जाता है ।

नारायण स्मृति में "शूद्र" का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है
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--- राजीव चतुर्वेदी

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